दोस्तों, आपने Share Market के बारे में अवश्य सुना होगा Share Market क्या है? क्या यह एक जुआ हैं? या एक ऐसा प्लेटफार्म हैं जहां आप पैसे बना सकते हों दोस्तो आपने आजकल ये डायलॉग तो सुना ही होगा कि शेयर बाजार एक ऐसा कुआ है जो पूरे देश कि पैसे कि प्यास भुजा सकता है तो आइए जानते हैं
Share Market क्या है? (परिभासा ?)
दोस्तों, आप कभी न कभी तो बाजार गए होंगे कुछ सामान लाने के लिए , तो आपने नोट किया होगा की बाजार में दो तरह के लोग होते है एक Buyer और Seller, कोई सामान खरीद रहा होता है तो कोई सामान बेक रहा होता है ठीक उसी प्रकार शेयर बाज़ार में शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं शेयर का मतलब हिस्सा, किसी कॉम्पनी का हिस्सा (Ownership) जिसे आपने, अपने पैसे के बदले लिया है। Example मान लेते हैं कि आपने किसी XYZ कम्पनी के 100 शेयर buy किए हैं जिसका भाव (Price) अभी 100 चल रहा है और आपने पुरे 10,000 इन्वेस्ट किया है तो अब आप उस कंपनी के 100 शियर यानि जितना आपने पैसे इन्वेस्ट किया है , उतने के आप मालिक है अब अगर भविष्य मैं कंपनी ग्रोथ करती है तो इससे उसका शेयर का भाव बढ़ेगा और आपने जितना Invest किया होगा उसके अनुसार आपको मुनाफा होगा, इसी के विपरीत अगर कंपनी बुरा प्रदर्शन करती है तो इससे उसका शेयर का भाव गिरेगा और फिर आपको नुकसान होगा।
Financial World मैं शेयर बाजार का क्या महत्त्व है?
दोस्तों, Financial World मैं शेयर बाजार का बहुत ज्यादा महत्व है जैसे कि खेल में कप्तान का होता हैं यह एक जगह हैं जहां अलग अलग कंपनिया अपनी एक छोटी सी हिस्सेदारी को Publically बाजार में बेचती हैं और बाज़ार से बहोत सारा पैसा उठाती हैं ताकि वह अपने Business को बढ़ावा दे सके इसको और आसान भाषा मैं समझते है मान लो कि तुम्हारा एक Restaurant हैं और तुम्हें उसे और बड़ा करने के लिऐ पैसे कि आवश्यकता हैं तुमने फैसला किया कि तुम अपने दोस्त से पैसा मांगोगे, मगर तुम्हारा दोस्त, तुम्हे पैसे देना नही चाहता तो तुम अब क्या करोगे तुम अब दूसरा रास्ता अपनाओगे, तुम्हे अब यह सोचना चाहिए कि तुम्हें अपनी Restuarant का थोड़ा सा हिस्सा बेचकर पैसे जुटा सकते हो। जब तुम यह काम करोगे, तो तुम्हारे पास नए पैसे आएंगे जिससे तुम अपने Resturant को बड़ाने के लिए इस्तेमाल कर सकोगे। इसी तरह, शेयर बाजार भी काम करता है। कंपनियाँ अपने व्यवसाय का छोटा सा हिस्सा बेचकर पैसे जुटाती हैं और उन पैसों का उपयोग विकास और नए प्रोजेक्ट्स के लिए करती हैं। यह निवेशकों को भी मौका देता है कि वे अपने पैसे को विभिन्न कंपनियों में निवेश करके मुनाफा कमा सकें।
कंपनियाँ पूंजी जुटाने के लिए शेयर जारी कैसे करती हैं?
जब कोई कंपनी नई परियोजनाओं की शुरुआत करना चाहती है या मौजूदा व्यवसाय को बढ़ावा देने की योजना बनाती है, तो उसको पैसे कि आवश्यकता होती हैं तो इसी समस्या का समाधान Share Market के माध्यम से किया जाता हैं अब कंपनी पूंजी जुटाने के लिए ये सब कदम उठाएगी।
- योजना बनाना: कंपनी के नेता(मालिक ) और प्रबंधन टीम एक योजना तैयार करते हैं कि कैसे और कितने शेयरों की बाज़ार में आपूर्ति की जाएगी।
- शेयर की मूल्य तय करना: कंपनी के नेता शेयर की मूल्य को निर्धारित करते हैं ताकि यह न ज्यादा महंगा हो और न ही बहुत सस्ता।
- दर्शाने की प्रक्रिया: कंपनी अपनी योजना और शेयर की मूल्य को लोगों के सामने प्रस्तुत करती है, ताकि उन्हें बुद्धिमता से निवेश करने का मौका मिले।
- शेयर खरीदने का मौका देना: इसके बाद, लोग व्यक्तिगत या सार्वजनिक तौर पर कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं। इसके बदले में, वे पूंजी देते हैं।
ये सब योजना पर बैठक करने के बाद, कम्पनी अब IPO मतलब (Initial Public Offering) जारी करती हैं ये कम्पनी का बहुत बड़ा क़दम होता हैं । जब कोई कंपनी पहली बार पब्लिक को अपने शेयर ऑफर करती है तो इसे IPO कहा जाता है. ऐसे समझें कि देश में तमाम प्राइवेट कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में काम करती हैं. जब इन कंपनियों को फंड की जरूरत होती है तो ये खुद को Stock Market में लिस्ट करवाती हैं और इसका सबसे बेहतर तरीका है IPO, आईपीओ को जारी करने के बाद कंपनी Share Market में लिस्ट हो जाती है. इसके बाद निवेशक उसके शेयर को खरीद और बेच सकते हैं
आइए अब हम भारतीय शेयर बाजार के इतिहास के बारे मैं जाने।
भारतीय शेयर बाजार का इतिहास
जैसा कि हमने जाना भारतीय शेयर बाजार एक जगह हैं जहा लोग शेयर खरीदने और बेचने के लिए आते है, ताकि वे किसी कंपनी के हिस्सेदार बन सकें। यह एक महत्वपूर्ण वित्तीय संस्था है जिसका इतिहास काफ़ी दिलचस्प है।
हमारी कहानी शुरू होती हैं 19वी सदी मैं, जब ब्रिटिश साम्राज्य का शासन था। फिर ब्रिटिश सरकार ने 1850 में भारत में पहला स्टॉक एक्सचेंज स्थापित किया, जिसे “बॉम्बे वाल्या शेयर ब्रोकर्स” कहा गया था। इसके बाद, 1875 में ” बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज ” का गठन हुआ, जिसे आजकल “बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज ” (BSE) के नाम से जाना जाता है।
फिर समय बीतने के साथ, और भी स्थानों पर स्टॉक एक्सचेंज बने। 1994 में ” नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ” (NSE) कि स्थापना हुई, जो आजकल भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज माना जाता है।
Stock Market में हिस्सेदारी करके, लोग कंपनियों के साथ उनके मुनाफे का हिस्सा बनते है। यदि एक कम्पनी कोई अच्छा काम कर रही है और उसके Profit भी बढ़ रहे है, तो उसके शेयर कि किमत भी बढ़ती हुई दिखाई देती हैं इसके विपरित, यदि कोई कम्पनी अच्छा काम नही कर रही हैं तो उसके शेयर कि क़ीमत घट सकती है। Share Market के माध्यम से लोग Invest करके पैसा कमा सकते है, लेकिन इसके अंदर जोखिम भी बहुत होता है। क्योंकि शेयर कि कीमतों में उतार-चढाव होता रहता है।
अब हम ऊपर दिए गए दो term BSE & NSE के बारे मै जान लेते है।
” बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज ” Bombay Stock Exchange (BSE)
यह भारतीय Share Market का प्रमुख केंद्र है, जो मुंबई (महाराष्ट्र) मैं स्थित हैं। इसे आमतौर पर BSE के नाम से भी जाना जाता हैं। इसकी स्थापना 1875 में हुईं थी और यह एशिया का सबसे पहला Stock Exchange हैं। इस Exchange के अन्दर लगभग 6000 कंपनिया लिस्टीड हैं ये Electronic Trading प्रणाली के लिए जाना जाता हैं जो तेज Execution प्रदान करता है BSE के अन्दर Stock, Stock Future, Stock Option, Index Option और Weekly Option शामिल हैं। इसका बेंचमार्क इंडेक्स – Sensex है जो भारत कि विभिन्न Industrial सेक्टरों मैं 30 बहुत बड़ी कम्पनियों को Track करता हैं जिससे कि भारत कि इकनॉमिक और Share Market के स्थितियों ( Condition) का पता चलता है
” नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ” National Stock Exchange (NSE)
National Stock Exchange (NSE) यह भारत का सबसे बडा Financial Market हैं इसकी स्थापना 1992 मै कि गई थी। इसकी स्थापना के पिछे का कारण था भारतीय Share Market मैं पारदर्शिता लाना क्योंकि इस Exchange के आ जाने के बाद भारत मै शेयरों का लेनदेन पूरी तरह से Electronic माध्यम जैसे Computers & Mobiles के द्वारा होने लगा और सारा पेपर वर्क खत्म हुआ। इससे इन्वेस्टरों के पैसों कि रक्षा हो सकी और बाजार मै होने वाले scam पर रोक लगी। इसका मुख्य उद्देश्य भारत मै शेयर कि ट्रेडिंग को बढ़ावा देना, भारतीय Share बाजार को विकसित करना और Share Market मैं हो रहे Fraud पर रोक लगाना है। इस Stock Exchange मै लगभग 1800 कंपनिया लिस्टीड हैं। NSE का बेंचमार्क इंडेक्स – Nifty है, जिसकी शुरुआत 1996 मै हुई थी इसके अन्दर देश के Top 50 अलग अलग सेक्टर के Companies, जो (NSE) मै लिस्टिड है, को शामिल किया गया है अगर Nifty मै तेज़ी आती है तो इसका मतलब ये होता है कि NSE मै लिस्टिड कंपनियों के शेयर प्राइज मै तेजी हुई है, इसी के विपरित अगर Nifty मै मंदी आती है तो इसका मतलब NSE मै लिस्टिड कंपनियों के शेयर के दाम घटे है।
Bombay Stock Exchange और National Stock Exchange भारतीय Financial Market के महत्वपूर्ण अंग है ये दोनो Stock Exchange भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। ये दोनो Exchange निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जहा वह Share, Bond या अन्य फाइनेंशियल उपकरणों में निवेश कर सकते है। ये दोनो Exchange आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने मैं मदद करते है और कंपनियों को पूंजी जुटाने का एक माध्यम प्रदान करते है।
भारतीय स्टॉक मार्केट में निवेश कैसे करें:
दोस्तो, ऊपर हमने जाना कि Share Market क्या है? Share Market काम कैसे करता है? कंपनिया किस तरीके से शेयर जारी करती है? अब हम जानते है कि भारतीय Stock Market मै निवेश केसे करे।
सीखें: स्टॉक मार्केट के बारे में पहले अच्छे से समझ लें। इसके लिए आप वेबसाइट्स, वीडियोस, और बुक्स का सहारा ले सकते हैं।
डेमो खाता: कई ब्रोकर फ़र्म आपको डेमो खाता देती है जिसमें आप वर्चुअल पैसे का उपयोग करके निवेश की प्रक्रिया का प्रैक्टिस कर सकते हैं।
ब्रोकर चुनें: एक अच्छा और समझदार ब्रोकर चुनना महत्वपूर्ण है। उनकी सहायता से आपको सही निवेश की मार्गदर्शन मिलेगी।
खाता खोलें: ब्रोकर के साथ खाता खोलने की प्रक्रिया को समझें। आमतौर पर आपको कुछ आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
अध्ययन करें: निवेश करने से पहले कंपनियों के बारे में अध्ययन करें। उनके वित्तीय परिस्थितियों और प्रदर्शन की जानकारी प्राप्त करें।
निवेश योजना: एक अच्छी निवेश योजना बनाएं। आपके पास कितना समय है, कितने पैसे निवेश कर सकते हैं, और कितना रिस्क लेने का मन है – इन सबको ध्यान में रखकर योजना बनाएं।
समझदारी से निवेश करें: स्टॉक मार्केट बदलता रहता है, इसलिए समझदारी से निवेश करें। एक ही समय पर सब पैसे न लगाएं, और विभिन्न कंपनियों में निवेश करके पोर्टफोलियो को विवेकपूर्ण बनाएं।
निवेश के प्रकार: आप लंबे समय तक निवेश कर सकते हैं जिसमें शेयर्स को खरीद कर रखते हैं, या फिर दिन-ट्रेडिंग करके चंद मिनटों में खरीद-बेच कर पैसे कमा सकते हैं।
टैक्स का ख्याल: निवेश से होने वाले कर प्रभाव को समझ लें और सही तरीके से Tax भरें।
निवेश की मॉनिटरिंग: निवेश के बाद नियमित रूप से अपने पोर्टफोलियो की मॉनिटरिंग करें और बाजार की स्थितियों के आधार पर आपकी योजना में बदलाव करें।
याद रखें कि स्टॉक मार्केट में निवेश करने से पहले Stock Market की जानकारी हासिल करना जरूरी है, धीरे-धीरे निवेश करें और अपने वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मेहनती रहें।
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